कुसुम योजना आवेदन

                                       कुसुम योजना आवेदन

कभी ज्यादा बारिश तो कभी कम बारिश की वजह से किसानों की फसलों को काफी नुकसान भी होता है. किसानों की इसी समस्या को दूर करने के लिए ही केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कुसुम योजना लाई गई जिसके जरिये किसान अपनी जमीन में सौर उर्जा उपकरण और पंप लगाकर खेतों की सिंचाई कर सकता है. इस योजना की सहायता से किसान अपनी जमीन पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का इस्तेमाल खेती में कर सकता है. साथ ही किसान की जमीन पर बनने वाली बिजली से देश के गांवों में भी बिजली की 24 घंटे आपूर्ति संभव हो सकती हैकुसुम योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले सोलर पंप प्रदान करना है इस योजना के तहत केंद्र सरकार  व राजस्थान राज्य सरकार 3 करोड़ पेटोल और डीजल सिचाई पम्पो को सोर ऊर्जा पम्पो में बदलेगी | देश के जो किसान सिचाई पम्पो को डीज़ल या पेट्रोल की मदद से चलाते है अब उन पंपों को  इस Kusum Scheme 2021 के अंतर्गत सोर ऊर्जा से चलाया जायेगा | इस योजना के पहले चरण में देश के 1 .75 लाख पंप जो डीजल और पेट्रोल से चलते है उन्हें सोलर पैनल की सहायता से चलाया जायेगा |



पीएम कुसुम योजना के तीन घटक हैं

पीएम कुसुम योजना के तीन घटक हैं. 10,000 मेगावाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े विकेंद्रीकृत नवीकरणीय बिजली संयंत्र. 17.50 लाख ग्रिड से पृथक सौर बिजली कृषि पंप और ग्रिड से जुड़े हुए 10 लाख सौर बिजली कृषि पंपों का सोलराइजेशन. योजना के तहत इन तीनों घटकों को मिलाकर 2022 तक कुल 25,750 मेगावाट सौर क्षमता तैयार करने की योजना है. कुसुम योजना के तहत बैंक किसानों को लोन के रूप में 30% रकम देती हैं. वहीं सरकार किसानों को सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम सब्सिडी के रूप में देती है.


कुसुम योजना पंजीकरण

Kusum Yojana के अंतर्गत

 ऑफलाइन  माध्यम से आवेदन किया जा सकता है। इस योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना हेतु तथा भूमि लीज पर देने हेतु आवेदन किया जा सकता है। वह सभी आवेदन कर्ता जिन्होंने अपनी भूमि लीज पर देने के लिए पंजीकरण करवाया है उनकी सूची आरआरईसी द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी। वे सभी नागरिक जो सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए भूमि लीज पर लेना चाहते हैं वह आवेदकों की सूची आरआरईसी की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है जिसके पश्चात वह पंजीकृत आवेदकों से संपर्क करके संयंत्र लगाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।


कुसुम योजना 2021 का उद्देश्य

जैसे  की आप लोग जानते है कि भारत में कई ऐसे राज्य हैं, जहां सूखा पड़ता है। तथा वंहा खेती करने वाले किसानो की खेती को सूखे से नुकसान उठाना पड़ता है। इस बात पर ध्यान देते हुए केंद्र सरकार ने PM Kusum Yojana 2021  को शुरू किया है इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानो को मुफ्त में बिजली उपलब्ध करवाना | इस योजना के तहत किसानो  को सिचाई के लिए सोलर पैनल की सुविधा प्रदान करना जैसे वह अपने खेतो कि अच्छे से सिचाई कर सके | इस कुसुम योजना 2021 के ज़रिये किसान को दोहरा फायदा होगा और उनकी आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी | दूसरा यदि किसान अधिक बिजली बनाकर ग्रिड को भेजते है। तो उन्हें उसकी कीमत भी मिलेगी।

कुसुम योजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना की अवधि

Kusum Yojana के अंतर्गत आवेदन करने के बाद संबंधित विभाग द्वारा एसपीजी को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापना करने के लिए लेटर ऑफ ऑथराइजेशन जारी किया जाएगा। यह लेटर ऑफ ऑथराइजेशन जारी करने की तिथि से 9 महीने की अवधि में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य है। यदि इस अवधि में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित नहीं किया गया तो पेनल्टी का भुगतान करना पड़ेगा। यह पेनल्टी पीपीए की शर्तों के अनुसार वसूल की जाएगी। पीपीए अवधि के दौरान सौर ऊर्जा संयंत्र द्वारा कम से कम 15% वार्षिक कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर बनाए रखना अनिवार्य है। यदि कैपेसिटी यूटिलाइजेशन फैक्टर 15% से कम होता है तो इस स्थिति में क्षतिपूर्ति देनी होगी। यदि एसपीजी द्वारा जमा किए गए दस्तावेज गलत पाए जाते हैं तो आवेदन किसी भी स्तर पर अमान्य किया जा सकता है।

सौर पंप वितरण: कुसुम योजना के प्रथम चरण के दौरान केंद्र सरकार के विभागों के साथ मिलकर बिजली विभाग, सौर ऊर्जा संचालित पंप के सफल वितरण करेगी।

सौर ऊर्जा कारखाने का निर्माण: सौर ऊर्जा कारखानों का निर्माण किया जाएगा जोकि पर्याप्त मात्रा में बिजली का उत्पादन करने की क्षमता रखते हैं।

ट्यूबवेल की स्थापना: सरकार द्वारा ट्यूबवेल की स्थापना की जाएगी जो कि कुछ निश्चित मात्रा में बिजली उत्पादन करेंगे।

वर्तमान पंपों का आधुनिकरण: वर्तमान पंपों का आधुनिकरण भी किया जाएगा कथा पुराने पंपों को नए सौर पंपो से बदला जाएगा।

कुसुम योजना के लाभार्थी

  • किसान
  • किसानों का समूह
  • सहकारी समितियां
  • पंचायत
  • किसान उत्पादक संगठन
  • जल उपभोक्ता एसोसिएशन

कुसुम योजना की एक खास बात यह है कि इस योजना के अंतर्गत प्लांट की कुल लागत का 30% राशि केंद्र सरकार देगी, 30% राशि राज्य सरकार देगी इसके अलावा 30% राशि कृषि उपभोक्ताओं को लोन के रूप में नाबार्ड या अन्य बैटिंग संस्थान द्वारा फाइनेंस करवाए जाएंगे।

इसका मतलब यह है कि किसानों को केवल 10% राशि ही देनी होगी।

इसके अलावा अतिरिक्त बिजली उत्पादन होने पर बची हुई बिजली को किसान द्वारा बेचा भी जा सकता है।

आवेदक के पास आवेदन के समय आधार कार्ड एवं बैंक खाता होना अनिवार्य है।

सरकार द्वारा आवेदक के खाते में सब्सिडी की राशि भेजी जाएगी।

इसके अलावा किसान, डिस्कॉम एवं बैंक के साथ थर्ड पार्टी एग्रीमेंट साइन किया जाएगा। किसान द्वारा बेची गई बिजली की कमाई को दो हिस्सों में बांटा जाएगा।

पहला हिस्सा उपभोक्ता का एवं दूसरा हिस्सा लोन की किस्त का होगा।

इस योजना के माध्यम से किसानों तक बिजली पहुंचेगी तथा बंजर जमीन से पैसे कमाए जा सकेंगे।

Kusum Yojana की पात्रता

आवेदक भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।

कुसुम योजना के अंतर्गत 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता तक के सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए आवेदक द्वारा आवेदन किया जा सकता है।

आवेदक द्वारा अपनी भूमि के अनुपात में 2 मेगावाट क्षमता या फिर वितरण निगम द्वारा अधिसूचित क्षमता (दोनों में से जो भी कम हो) के लिए आवेदन कर सकता है।

प्रति मेगावाट के लिए लगभग 2 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी।

इस योजना के अंतर्गत स्वयं के निवेश से प्रोजेक्ट के लिए किसी भी प्रकार की वित्तीय योग्यता की आवश्यकता नहीं है।

यदि आवेदक द्वारा किसी विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित किया जा रहा है तो विकासकर्ता की नेटवर्थ 1 करोड़ रुपए प्रति मेगावाट होनी अनिवार्य है।

कुसुम योजना महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड
  • रजिस्ट्रेशन की कॉपी
  • ऑथराइजेशन लेटर
  • जमीन की जमाबंदी की कॉपी
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट (विकासकर्ता के माध्यम से प्रोजेक्ट विकसित करने की स्थिति में)
  • मोबाइल नंबर
  • बैंक खाता विवरण
  • पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ

  • अधिक  जानकारी  के  लिए  या  ऑनलाइन  फॉर्म  भरवाने  के  लिए  संपर्क  करे . फोन  - 7534044444

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